Friday, December 9, 2011

क्या होगा देश का ?

आज किन नपुंसकों के हवाले है वतन साथियों?

1947 के बाद जितने भी भारत के प्रधान मंत्री हुए हैं ,सिवाय श्री लाल भाहादुर शास्त्री जी के, बगैर नाक के सांड थे, जब जी चाहा तब वेसा किया जो चाहा. देश को किसी ने नहीं संभाला| 1950 में एक अंग्रेजी परस्त बी. आर. आंबेडकर ने 5 -6 दूसरे देशो के संविधान क़ी नक़ल कर 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान नामक एक फिजूल सा लेख पास करवा लिया जिसमे तीन टांगे ही थी| सर पैरों के बगैर कैसे कोई टिका रह सकता है| उस संविधान में, जिसे मै भारत माता क़ी बेटी कहता हूँ उसकी पोशाकों में 100 से अधिक ठेगले लगा दिए गये हैं इन कान्ग्रेसिओं ने| क्योंकि कपिल सिब्बल एंड पार्टी का कहना है क़ी संसद सबसे ऊपर है यानि एक बार 5 साल के लिए चुन गये तो फिर मारो उन बेवकूफों को जिन्होंने उन्हें चुनकर संसद में भेजा है|

राष्ट्रपति पद क़ी क्या आवश्यकता है| वह कुछ भी नहीं है, जो है वो चिदंबरम है- यानि गृह मंत्री| वो कहे तो फांसी दो, वर्ना मत दो| लोक सभा तो ठीक है राज्य सभा का क्या काम? जहाँ एक बार चुन लिए गए तो गई 5 सालों क़ी, और मजे करो, मौज करो और जनता के पैसों पर दुनिया घुमो, 5 सितारा होटलों मै एश करों, लाल बत्ती क़ी बुलेट प्रूफ कारों में घुमो, काले - काले भूतो के बीच सुरक्षित रहो, जनता जाये भाड़ में|

आज किन के हवाले किया वतन साथियों - इस नीच और पूरी तरह से भ्रष्‍ट कांग्रेस सरकार के.

जो 15 अगस्‍त 1947 को हमने जो पाया वो किसी भी अर्थो में आजादी नहीं कही जा सकती क्‍योंकि उस दिन तो गोरे अंग्रेजों से सत्‍ता का हस्‍तांरण काले अंग्रेजों को हुआ था यह हमारा दुर्भाग्‍य ही था कि इस देश की कमान एक अय्यास, नीच और चरित्रहीन जवाहरलाल नेहरू के हाथ में आ गई थी जो कि लार्ड माउंटबेटन की पत्‍नी पर फिदा होकर उसके तलवे चाट रहा था और जो हिंदू कहलाने में शर्म महसूस करता था | ऐसे नमकहरामों के हाथों में देश की बागडोर आ गई जो नपुंसक कांग्रेस सरकार भगत सिंह के खिलाफ गवाही देने वालों को राष्ट्रीय सम्मान दे, जो शहीद उधम सिंह के परिवार की दुर्दशा कर दे, जो राम प्रसाद बिस्मिल की कुर्बानियों को भुला दे, जो सुभाष चन्‍द्र बोस नेता जी को जिंदा ही दफ़न कर दे | आज देश के सारी परियोजनाएं व योजनाएं किसी न किसी गाँधी और नेहरू के नाम से ही शुरू होती है क्यों ?

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